साड़ी यह पोशाक अनादिकाल से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर की महिलाओ द्वारा पहनी जाने वाली पसंदीदा पोशाक है | एक सूंदर साड़ी महिलाओ को स्टाइलिश लुक भी प्रदान करती हैं | यदि आप विभिन्न प्रकार के साड़ी की जानकारी , साड़ी के प्रकार , साड़ी की कीमत , साड़ी की डिज़ाइन और साड़ी सम्बंधित अन्य प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हो तो आप सही वेबसाइट पर हो , इसी के अंतर्गत हम आज आपको मैसूर साड़ी ( Mysore Saree ) की जानकारी देने जा रहे है |
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Mysore Pure Silk Saree या Mysore Resham Saree का निर्माण कर्नाटक राज्य में होता है | कर्नाटक यह भारत में शहतूत रेशम उत्पाद में अव्वल है | मैसूर साड़ी भारत में सबसे अधिक बिकने वाली साड़ी में से एक है | मैसूर साड़ी का इतिहास बोहत पुराना है , कहते है महाराज कृष्ण राज वाडियार ब्रिटेन गए थे तब उन्हें वहां मशीन से बने रेशम के कपड़ो ने बोहत आकर्षित किया इसलिए उन्होने वहा से 32 पावरलूम मंगवाए और भारत में मशीन निर्मित रेशम साड़ियों की शुरुवात हुई | यह भी कहा जाता है की 1912 में मैसूर के महाराज ने रेशम फैक्टरी की स्थापना की जो की देश की सबसे पुरानी रेशम निर्माण फैक्ट्री है , जो की अब कर्नाटक रेशम उद्योग निगम (KSIC ) के स्वामित्व में है |
इस साड़ी की विशेषता यह है की इस साड़ी को असली रेशम और शुद्ध सोने की जरी द्वारा तैयार किया जाता है | कहा जाता है की साड़ी की जरी में 65 % शुद्ध चांदी और 0. 65 % सोना होता है | इसलिए यह भारत की सबसे महँगी रेशम की साड़ियों में से एक है |
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निजी फर्म Shahi Mysore Silk Saree का उत्पादन नहीं कर सकती केवल KSIC ही इन साडियो का निर्माण कर सकती है | इस लिए यह प्रत्येक साड़ी को एक विशेष कोड प्रदान करती है | Ksic Pure Mysore Silk Sarees की मुख्य खासियत यह भी होती है की यह वजन में हल्की होती है | अतः इसे दिनभर के लिए पहनना आसान होता है | परन्तु आपको हमेशा बाजार में एक असली मैसूर साड़ी न मिले क्यों की बाजार में नकली किस्मे भी उपलब्ध है , अतः साड़ी लेते समय बोहत अधिक सावधानी की आवश्यकता है |