भारतीय महिलाओं में नये -नये ब्लाउज डिज़ाइन के साथ ही साथ उस पर पहनी जाने वाली साड़ियों का भी विशेष क्रेज होता है | अधिकतर भारतीय महिलाये साड़ी यह पोशाक नियमित रूप से पहनना पसंद करती हैं | पर ये बात अलग है की सभी महिलाओ की पसंद अलग -अलग है , किसी को महाराष्ट्र की फेमस पैठनी साड़ी पसंद है , किसी को मध्यप्रदेश की महेश्वरी साड़ी , तो किसी को कर्नाटक की फेमस मैसूर रेशम साड़ी आदि इसलिए हम हमारे ब्लॉग पर ब्लाउज डिज़ाइन के साथ -साथ साड़ी के प्रकार तथा उसकी बेसिक जानकारी दे रहे है | इसी के अंतर्गत आज हम आपको नारायण पेठ साड़ी ( Narayan Peth Saree ) की जानकारी देने जा रहे हैं |
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नारायण पेठ साड़ी महाराष्ट्र के सोलापुर तथा उसके आस पास के एरिये में बोहत प्रचलित है | यहाँ रहने वाली महिलाओ की साडियो में Narayan Peth Saree सबसे पसंदीदा पोशाक है |
नारायण पेठ यह महबूब नगर जिले का एक छोटा सा शहर है , जो की आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के बीच की सीमा में स्थित है , जहा नारायण पेठ साड़ी के ढेरो बुनकर मिल जाएंगे जो की Narayan Peth Pure Silk Saree को तैयार करते है | वैसे भी नारायण पेठ साड़ी का इतिहास बोहत पुराना है , कहते है 1630 ई. में मराठा सम्राट राजा श्री छत्रपति शिवाजी महाराज ने नारायण पेठ की यात्रा की थी तथा कुछ समय वहा बिताया था तथा जब वो वहां से निकले तो उनके साथ आये हुए कुछ बुनकर वही रुक गए तथा यहाँ बुनाई का काम करते रहे इसलिए इस साड़ी की बुनाई में महाराष्ट्रियन प्रभाव देखने को मिलता है | अतः कह सकते है की नारायण पेठ साड़ी महाराष्ट्र में निर्मित हुई है परन्तु इसकी जड़े निश्चित रूप से कर्नाटक में है |
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नारायण पेठ साड़ी के उत्पादन के लिए अधिकतर वनस्पति रंगो का प्रयोग किया जाता है | इस साड़ी को बुनने की भी अनूठी प्रक्रिया है | जिसमे एक करघे पर एक बार में आठ साड़ियां बनाई जाती है | इस प्रकार मानक 7 गज कपडे को करघे में लगाने के बजाय 56 गज रेशम को एक बार में ही करघे पर लगाया जाता है |
एक साधी नारायण पेठ साड़ी को तैयार करने में से दो दिन लगते है परन्तु यदि वह साड़ी रेशम की हो तो चार पांच दिन का समय लग जाता है | Narayanpeth Saree Price जो की आपके बजट के अनुरूप मार्केट में उपलब्ध है | Narayanpeth Saree Online भी उपलब्ध है |