साड़ी यह पारंपरिक रूप से रोज पहना जाने वाला भारतीय पहनावा है | आप यह कह सकते है की पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा है | साड़ी यह भारत में प्रचलित होने के कारण यह पहनावा महिलाओ को भारतीय होने के रूप में भी पहचान दिलाती है | साड़ी यह महिलाओ को एक अलग लुक प्रदान करती है | हम हमारे Blog में नियमित रूप से अलग -अलग प्रकार की साड़ी की जानकारी दे रहे है | इसी के अंतर्गत हम आज आपको Ilkal Saree ( इलकल साड़ी ) की जानकारी देने जा रहे है |
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इलकल कर्नाटक के बागलकोट जिले से 60 K.M. दूर एक मध्यम आकार का शहर है | Ilkal Saree दो प्रकार की होती है | एक रेशम के ताने और सुती कपडे पर बनाई गई साड़ी और दूसरी रेशम से ताने और बाने में दोनों में बनाई गई, यह साड़ी या तो कपास और रेशम या शुद्ध रेशम से बनी होती है | इस साड़ी की विशेषता पल्लू ताना के साथ शरीर के ताना बाना से जुड़ता है | जिसे स्थानीय स्तर पर Tope Teni तकनीक कहा जाता है |
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इस साड़ी को बनाने के लिए इस्तेमाल किये गए रंगो में प्रमुख कलर , अनार के रंग समान लाल , तोते के समान हरा , और कुमकुम के रंग के समान रंगो की होती है |
इस साड़ी के लोकप्रिय रूपांकनों में मंदिर , रथ ,कमल , जानवर आदि से इलकल साड़ी का एक पारंपरिक रूप है जो भारत में सामान्य स्त्री का पहनावा है |