Georgette Saree | Georgette saree Details | जॉर्जेट साड़ी

                           यदि हम साड़ी को परिभाषित करे तो यह 6 से  9 मीटर लम्बा बिना सिला हुआ कपडा है , जिसे विभिन्न तरीको से लपेटा जाता हैं | साड़ी यह सदियों से भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है | भारत में साड़ियां प्रादेशिक रूप में उस क्षेत्र की परंपरा , विश्वास , रंग और डिज़ाइन के आधार पर एक दूसरे से भिन्न है | साड़ी को उस क्षेत्र जहा उसका निर्माण होता है , वहा की विरासत और संस्कृति के रूप में डिज़ाइन किया गया है | जैसे तमिलनायडु में कांजीवरम , केरल में कसावु , मध्यप्रदेश में चंदेरी या ओडिशा की संबलपुरी साड़ी आदि परन्तु आज हम आपको इन सभी साड़ियों से भिन्न जॉर्जेट साड़ी ( Georgette Saree) की जानकारी देने जा रहे है | 


Georgette saree
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                         20  वी शताब्दी में मैडम जार्जेट डे ला प्लांटे जो की एक प्रसिद्ध ड्रेस मेकर थी | उन्होने एक विशेष कपडे को पेश किया,  जिसे आज हम व्यापक रूप से जार्जेट के नाम से जानते है | जार्जेट को हम मुख्यतः दो रूपो में जानते है | एक शुद्ध जार्जेट और अशुद्ध जार्जेट इसमें से शुद्ध जार्जेट सिल्क  धागे से बुना जाता है | जबकि अशुद्ध जार्जेट रेयॉन और पॉलिस्टर से बुना जाता है | जार्जेट वजन में हल्का और साफ कपडा है , जो की अधिक टिकाऊ और मजबूत है | रेशम जार्जेट का कपडा आसानी से किसी भी रंग में रंग जाता है | यह छपाई के लिए सबसे लोकप्रिय साड़ी सामग्रीयो में से एक है | 


                          वर्तमान में जार्जेट विभिन्न प्रकार में मिलता है , जैसे जैक्वार्ड जार्जेट कपडा , नॉयलान जार्जेट कपडा , विस्कोस जार्जेट कपडा , रेशम जार्जेट कपडा , पॉलिस्टर जार्जेट कपडा और  साटन जार्जेट कपडा  आदि। 

                


जॉर्जेट साड़ी
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                          भारतीय साड़ियों को अक्सर रेशम के जार्जेट कपडे से बनाया जाता है , क्यों की  साड़ी की परतें अच्छी तरह से  होती है , जो की लपेटे  जाने पर अच्छा लुक प्रदान करती  है | 

                          जार्जेट कपडे के इतनी सारी खूबियों के कारण जार्जेट की साड़ी की डिमांड निरंतर बनी रहती है |  खासकर गर्मी के मौसम में ये साड़ी डेली वेयर के लिए बेस्ट होती है |      




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