महिलाओ द्वारा पहने गये ब्लाउज डिज़ाइन का जितना महत्व होता है , उतना ही महत्व साड़ी का भी होता है | हमने हमारी Website - simpleblousedesign.com मे अलग -अलग तरह के ब्लाउज तथा उसकी जानकारी उसको सिलने के तरीके के साथ दी है | जिसकी सहायता से कोई भी आसानी से ब्लाउज सिलना सिख सकता है |परन्तु अभी हम विभिन्न तरह की साड़ियों की जानकारी देने का प्रयास कर रहे है | इसी के अंतर्गत आज हम आपको पंजाब की मशहूर फुलकारी साड़ी ( Phulkari Saree ) की जानकारी देने का प्रयास कर रहे है |
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फुलकारी साड़ी में "फुलकारी " यह शब्द पंजाब की कढ़ाई कला को सन्दर्भित करता है |जिसमे फुलकारी यह दो शब्दों से मिलकर बना है , " फूल " का अर्थ तो " फूल " ही है , जबकि "कारी " का अर्थ " काम " होता है | अर्थात " फूलो का काम " परन्तु अब यह सिर्फ फूलो की डिज़ाइन तक ही सिमित नहीं रही इसमें कढ़ाई के द्वारा अलग - अलग तरह के पैटर्न , पक्षी आदि को भी जगह दी गई है | फुलकारी की कढ़ाई की खासियत यह है की यह कपडे की उल्टी साइड से की जाती है |
कोई कहता है की फुलकारी को प्राचीन काल मे मध्य एशिया के प्रवासी जाट लोगो द्वारा भारत मे लाया गया तो किसी का किसी का कहना है की फुलकारी की कला ईरान से आई जहां इसे " गुलकारी " के नाम से जाना जाता है | जो भी हो इस फुलकारी साड़ी को पसंद करने वाले पंजाब के साथ -साथ भारत के अन्य हिस्सों मे भी बोहत लोग मिल जायेंगे | अब फुलकारी साड़ी मशीन पर भी बुनी जा सकती है |
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इन्ही सब वजहों से फुलकारी साड़ी पसंद करने वालो की तादाद बोहत अधिक है | फुलकारी साड़ी पंजाब की संस्कृति का एक हिस्सा है, तथा यह पंजाब की शादियों का अभिन्न अंग है | शादियों मे महिलाओ द्वारा इसे अवश्य पहना जाता है |